बाघ पर निबंध हिंदी में | Essay on Tiger in Hindi

बाघ (Tiger) के बारे में जानकारी हिंदी में

हाय दोस्तों आज का हमारा जो विषय है वह बाघ के बारे में जानकारी हिंदी में है क्योंकि हममें से बहुत से लोग ऐसे भी होते हैं जो बाघ (Tiger) का नाम खूब सुनते हैं परंतु उसके बारे में पूरी जानकारी नहीं प्राप्त कर पाते हैं इसलिए आज हम राष्ट्रीय पशु बाघ [Tiger: National Animal] के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे आज तक जरूर पढ़ें

जैसा कि ज्यादातर सभी लोगों को पता होता है कि बाघ हमारा राष्ट्रीय पशु है (Tiger is Our National Animal) तो ऐसे में हम सभी का यह कर्तव्य होता है कि बाघ के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें बाघ के गुण और विशेषताओं को जाने इसी उद्देश्य से मै यहां पर पर निबंध उपलब्ध करा रही हूं जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग जानकारी प्राप्त कर सके तो चलिए शुरू करते हैं

राष्ट्रीय पशु बाघ पर छोटे तथा बड़े निबंध (Long and Short Essay on Tiger in Hindi)

Best Essay On Tiger in Hindi Language: दोस्तों आज हम आपके साथ राष्ट्रीय पशु बाघ पर निबंध साझा कर रहे हैं. Tiger Essay Hindi – इस लेख में हमने कक्षा 1 से 12 वीं, IAS, IPS, बैंकिंग (Banking) और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्त्वपूर्ण निबंध लिखने का प्रयास किया है और यह निबंध बहुत सरल और आसान शब्दों में मिलेगा. बाघ (Tiger) पर यह निबंध क्रमशः 100, 200, 300, 400, 500, 600 शब्दों में मिलेगा।

बाघ पर हिंदी निबंध-1 | Essay On Tiger In Hindi (100 से 200 शब्दों में)

प्रस्तावना

बाघ एक जंगली जानवर है और यह हमारे भारत देश का राष्ट्रीय पशु भी है इसलिए वर्तमान समय में ज्यादातर स्कूलों व कॉलेजों में विद्यार्थियों से यही बोला जाता है कि बाघ के बारे में 10 लाइन लिखिए शेर के बारे में 10 वाक्य और बाघ पर निबंध लिखिए आदि ताकि बच्चों में लेखन शैली के गुणों का विकास हो सके और बाघ के महत्व और विशेषताओं को समझें क्योंकि यह बहुत ही शक्तिशाली और आकर्षक पशु होता है यह बहुत ही बड़े व घने जंगलों में पाया जाता है.

इसका वैज्ञानिक नाम पैंथेरा टाइग्रिस (Panthera Tigris) है बाघ को सबसे बड़े जंगली पशुओं में गिना जाता है इसके शरीर पर काले रंग की और सफेद नारंगी रंग की धारियां पाई जाती हैं बाघ एक बिल्ली प्रजाति का पशु है बंगाल टाइगर साइबेरिया में पाए जाते थे लेकिन ठंडे मौसम के प्रभाव के कारण दक्षिण की ओर चले गए बंगाल टाइगर की लंबाई और वजन भी बहुत ज्यादा होता है लगभग लंबाई 7 से 10 फीट और लंबाई 350 से 500 किलोग्राम तक होता है.

बाघ की प्रजातियां

विश्व में बाघ की कई प्रजातियां होती हैं बाघ उत्तरी पश्चिमी भाग को छोड़कर लगभग सभी स्थानों पर पाए जाते हैं पूरे विश्व में बाघों की लगभग 8 प्रजातियां पाई जाती हैं भारत में रॉयल बंगाल टाइगर प्रजाति का बाघ पाया जाता है बाघ की संख्या लगातार घटने के कारण प्रोजेक्ट टाइगर अभियान शुरू किया गया जिसके परिणाम स्वरूप भारत में बाघों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई वर्ष 1993 में बाघों की जनगणना के अनुसार भारत में बाघों की संख्या लगभग 3750 परंतु दिन-ब-दिन इनकी जनसंख्या घटती ही जा रही हैं इसलिए इनकी सुरक्षा हेतु Bangal tiger project की स्थापना की गई जिसके अंतर्गत पूरे देश में 23 संरक्षण केंद्रों की स्थापना की गई 33406 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में.

निष्कर्ष

बाघ हमारे देश की शान है इसलिए बाघों की सुरक्षा व प्राकृतिक वातावरण प्रदान करते हैं देश में 1973 में टाइगर प्रोजेक्ट की स्थापना की गई जिसके तहत देश में लगभग 23 बाघ अभ्यारण का निर्माण किया गया ताकि बाघों की सुरक्षा को बढ़ावा मिले और जनसंख्या में वृद्धि हो सके लेकिन अभी भी  स्थिति संतोषजनक नहीं है क्योंकि इसकी जनसंख्या में लगातार गिरावट हो रही है.

राष्ट्रीय पशु बाघ पर निबंध-2 | Essay On Tiger In Hindi (200 से 400 शब्दों में)

प्रस्तावना

बाघ बहुत ही खूंखार मांसाहारी पशु है वह अन्य जंगली जानवरों को अपना शिकार बनाता है जिससे अन्य जंगली पशु भयभीत होते हैं क्योंकि यह बहुत ही ताकतवर जानवर है और इसे हमारे भारत देश में सरकार द्वारा राष्ट्रीय पशु माना गया है बाघ देखने में बहुत ही शांत दिखता है परंतु यह बहुत ही चालाक होता है यह अपने शिकार के लिए बहुत ही तेज दौड़ कर लंबी छलांग लगाता है और इसके दहाड़ने की आवाज बहुत दूर तक सुनाई देती है. 

बाघ को हमारे देश में शक्ति का प्रतीक माना जाता है क्योंकि वह बहुत ही आकर्षक व शक्तिशाली और चालाक होते हैं इसीलिए हमारे भारत देश में राष्ट्रीय पशु का दर्जा दिया गया है क्योंकि यह माना जाता है कि कुल बाघों की संख्या का आधा हिस्सा तो हमारे देश में हैं लेकिन पिछले कुछ दशकों से हमारे देश में बाघों की संख्या में कमी हो रही है जो कि एक चिंता का विषय बना हुआ है

प्रोजेक्ट टाइगर क्या है (Project Tiger Abhiyan)

जैसा कि मैंने ऊपर बताया कि पिछले कुछ दशकों से बाघों की संख्या में लगातार गिरावट हो रही हैं और इसीलिए भारत सरकार ने बाघों को सुरक्षित रखने और संख्या को नियंत्रित करने के लिए प्रोजेक्ट टाइगर अभियान की शुरुआत की जिसके परिणाम स्वरूप कुछ सुधार देखा गया बाघ अपने जातियों, प्रजातियों और स्थानों के आधार पर अलग-अलग आकार और वजन के पाए जाते हैं इनमें से सबसे बड़ा बाघ साइबेरियन टाइगर को कहा जाता है नर बाघ, मादा बाघ से थोड़े बड़े होते हैं बाघों की बिलुप्ति का प्रमुख कारण जंगलों का उन्मूलन माना जाता है और दूसरा कारण मनुष्य द्वारा इसका शिकार किया जाना भी है हालांकि अब इसके शिकार पर पूर्णतया प्रतिबंध है क्योंकि सरकार के प्रोजेक्ट टाइगर अभियान 1973 का मुख्य उद्देश्य बाघों को सुरक्षित रखना है.

निष्कर्ष

हमारे भारत देश में बाघ सबसे ज्यादा सुंदरवन असम में पाए जाते हैं अन्य स्थानों पश्चिमी बंगाल, त्रिपुरा, मध्यप्रदेश आदि भी पाए जाते हैं लेकिन मानव द्वारा उनको क्षति पहुंचाने के कारण ही, ये बाघ अन्य स्थानों पर प्रवास कर रहे हैं ज्यादा बड़े चीते अफ्रीकी जंगलों में पाए जाते हैं. 

राष्ट्रीय पशु बाघ पर निबंध-3 | Essay On Tiger In Hindi (400 से 500 शब्दों में)

बाघ बहुत ही शक्तिशाली जानवर है बाघ मांसाहारी पशु की श्रेणी में आता है यह जंगल में दूसरे जंगली जानवरों को अपना शिकार बनाता है जैसे गाय, सूअर, हिरण, जेब्रा, खरगोश, बिल्ली, कुत्ता आदि बाघ के 4 दांत होते हैं यह बहुत ही मजबूत और नुकीले होते हैं जिससे बाघ को शिकार करने में मदद मिलती है बाघ एक स्तनधारी जानवर होता है और इसका शरीर 7 से 10 फुट लंबा होता है बाघ सबसे ज्यादा हमारे भारत देश में पाए जाते हैं यह देखने में बहुत ही शांत और आकर्षक लगता है परंतु यह बहुत ही चालाक और भयानक होता है.

बाघ सबसे ज्यादा भारत के सुंदरवन जंगलों में पाए जाते हैं कुछ दशक पहले बाघों का शिकार मानव द्वारा व्यवसाय हेतु किया जाने लगा था जिससे बाघों की संख्या में काफी गिरावट होने लगी थी तब भारत सरकार द्वारा उनकी सुरक्षा हेतु कई ठोस कदम उठाए गए इसमें से 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर अभियान शुरू किया गया  जिससे उनकी संख्या में काफी सुधार आया फिर भी स्थिति अभी भी संतोषजनक नहीं है. 

बाघ के शरीर पर काले रंग की धारियां बनी होती हैं बाघ के शरीर का रंग पीला और भूरे रंग का मिश्रण है बाघ के शरीर पर पेट के नीचे वाले भाग का रंग सफेद होता है बाघ मुख्य रूप से भारत, भूटान, अफगानिस्तान, कोरिया, कंबोडिया, बांग्लादेश, इंडोनेशिया देशों में पाया जाता है भारतीय बाघों को मुख्य रूप से बंगाल टाइगर के नाम से जाना जाता है 

बाघ की आयु लगभग 10 से 15 वर्ष रहती है बाघ का भार बहुत ही ज्यादा होता है  इसके बावजूद भी बाघ पानी में अच्छे से तैर लेते हैं बाघ बहुत ही तेज दौड़ने वाला पशु है लगभग 65 किलोमीटर प्रति घंटा, बाघों की 8 प्रजातियां थी परंतु वर्तमान समय में 6 प्रजातियां ही रह गए हैं जो कि इस प्रकार हैं बंगाल टाइगर, सुमात्राण बाघ, इंडो चाइनीस बाघ, अमूर या साइबेरियन बाघ, मलायन बाघ और दक्षिणी चीनी प्रजाति के बाघ अभी शेष हैं, जबकि बाली और जावा एवं एक अन्य बाघ की प्रजाति बिलुप्त हो चुकी हैं. 

निष्कर्ष

बाघ मुख्य रूप से एशिया महाद्वीप पर पाए जाते हैं बाघ हमेशा जंगल में झाड़ियों के पीछे छुप कर बैठता है और अपने शिकार को देखता रहता है क्योंकि बाघ एक मांसाहारी पशु है और वह जंगल के अन्य पशुओं को अपना शिकार बनाता है और बाघ मांस भोजन के रूप में प्रयोग करता है कभी-कभी बाघ इंसानों पर भी हमला कर देता है फिर भी बाघ हमारी शान है क्योंकि यह हमारे भारत देश का राष्ट्रीय पशु है.

राष्ट्रीय पशु बाघ पर निबंध-4 | Essay On Tiger In Hindi (500 से 600 शब्दों में)

प्रस्तावना

बाघ हमारे भारत देश का राष्ट्रीय पशु है बाघ अपनी सुंदरता और ताकत के वजह से सभी को अपनी और आकर्षित करता है बाघ का वैज्ञानिक नाम पर panthera टाइग्रेस है बाघ एक बिल्ली प्रजाति का पशु है क्योंकि बिल्ली की शारीरिक संरचना और बाघ की शारीरिक संरचना लगभग मिलती जुलती है यह एक मांसाहारी और जंगली जानवर होता है.

बाघ की शारीरिक संरचना

बाघ के शरीर की लंबाई लगभग 8 से 10 फुट होती है बाघ का शरीर बहुत ही मजबूत होता है इसका वजन भी बहुत ज्यादा होता है लगभग 300 किलोग्राम बाघ के दो आंखें होती हैं और आंखों के आसपास का रंग पीला होता है पुतलियों का रंग काला होता है बाघ के दो कान होते हैं बाघ बहुत बड़ा होता है बाघ के शरीर पर काले रंग की धारियां बने होती हैं और पूरे शरीर का रंग पीला और भूरे रंग का मिश्रण होता है बाकी पेट के नीचे और पैर के आसपास का रंग सफेद होता है साइबेरिया और चीन में सफेद रंग के बाघ पाए जाते हैं बाघ के पंजों के नीचे का भाग गद्दी दार होता है इसके पैर के पंजों में नुकीले नाखून होते हैं बाघ के चार पैर होते हैं और एक नाक होती है बाघ के मुंह में ऊपर नीचे दोनों जबड़ो में दो-दो दांत होते हैं बाघ की पूंछ लगभग 3 फुट लंबी होती है.

बाघ की विशेषताएं (15 Line/Facts about Tiger For Class 1,2 and 3)

  1. बाघ बहुत ही शांत रहने वाला जंगली पशु होता है
  2. बाघ जंगल में झाड़ियों के पीछे छुप कर बैठता है अपना शिकार करने के लिए
  3. बाघ बहुत ही तीव्र गति से दौड़ता है लगभग 65 किलोमीटर प्रति घंटा
  4. बाघ अपने शिकार के लिए कई बार प्रयास करता है
  5. ज्यादातर बाघ की आयु 10 से 15 वर्ष होती है लेकिन कई भागों की उम्र 25 वर्ष  तक भी होती है
  6. एक अकेला बाघ 20 से 25 किलो तक मांस खा जाता है
  7. मादा बाघ का गर्भकाल 90 दिन से 110 दिनों का होता है
  8. बाघ एक बिल्ली प्रजाति का पशु है बाघ की कई प्रजातियां होती हैं
  9. बाघ दौड़ते समय अपनी पूंछ को ऊपर की तरफ मोड़ लेता है
  10. मादा बाघ एक बार मे दो से तीन बच्चों को जन्म देती हैं
  11. बाघ का शरीर भारी होने के बावजूद भी पानी में अच्छे से पैर सकता है
  12. बाघ के बच्चे 15 से 16 दिन बाद अपनी आंखें खोलते हैं
  13. बाघ अपनी छलांग बहुत लंबी लगाता है
  14. बाघ का वैज्ञानिक नाम पैंथेरा टाइग्रिस (Panthera Tigris) है
  15. वर्ष 2010 से प्रतिवर्ष 29 जुलाई को वर्ल्ड टाइगर डे मनाया जाता हैं.

बाघ का महत्व

हमारी प्रकृति ने पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार के जीव जंतु पेड़ पौधों को बनाया है जिनमें से हर एक का अपना कुछ ना कुछ महत्व जरूर होता है इसी तरह बाघ का भी अपना महत्व है हमारी भारतीय संस्कृति में तो बाघों को बहुत ही महत्व दिया जाता है और पूजनीय माना जाता है क्योंकि यह मां दुर्गे का वाहन होता है और बाघ हमारे देश का राष्ट्रीय पशु है बाघ का हमारी संस्कृति से बहुत ही गहरा नाता है क्योंकि भारतीय नोटों में और डाक टिकटों पर बाघ के चित्रों को बनाया गया है. 

बाघ प्राचीन काल में सिंधु घाटी की सभ्यता की मुहर में चित्रित होने वाला पशु है बाघों की सुरक्षा और प्रकृति वातावरण प्रदान करने के लिए 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर अभियान की शुरुआत की गई.

बाघ की प्रजातियां

प्राचीन काल में बाघ की कई प्रजातियां हुआ करती थी परंतु वर्तमान समय में इनकी प्रजातियों में कमी पाई गई है क्योंकि मनुष्य के द्वारा बाघों का शिकार करना वनों का उन्मूलन मुख्य कारण रहा है हाल ही में चीन के एक विलुप्त बाघ के डीएनए से पता लगाया गया है कि बाघ के पूर्वज मध्य चीन से भारत में आए थे बाघ की लगभग 8 प्रजातियां बताई जाती हैं परंतु वर्तमान समय में इनकी संख्या घटकर 6 रह गई है भारत में बंगाल टाइगर प्रजाति का बाघ पाया जाता है बाघ की 6 प्रजातियां जो कि इस प्रकार हैं बंगाल टाइगर, सुमात्रा बाघ, इन्डो चाइनीस बाघ, साइबेरियन बाघ, मलायन बाघ और दक्षिणी चीनी बाघ हैं.

कुछ दशक पहले विलुप्त प्रजातियां जावा बाघ, कैस्पियन बाघ और बाली बाघ, बाघों की ज्यादातर संख्या एशिया महाद्वीप में पाई जाती है.

बाघों की सुरक्षा

वर्तमान समय में जंगली पशुओं में सबसे ज्यादा बाघ संकटग्रस्त प्रजाति है इसका प्रमुख कारण मनुष्य द्वारा इनका शिकार करना और उनके रहने के लिए पर्याप्त अनुकूल वातावरण का ना होना ना मिलना है इसलिए उनकी संख्या में कमी आती गई जिसको ध्यान में रखते हुए 1972 में वन्यजीव अधिनियम बनाया गया 1973 में भारत सरकार द्वारा प्रोजेक्ट टाइगर अभियान चलाया गया जिसके तहत देश में 23 बाघ अभ्यारणओं का निर्माण किया गया जिससे उनको अपना प्राकृतिक वातावरण मिल सके बाघों की सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक वर्ष 29 जुलाई को बाघ दिवस मनाया जाता है

निष्कर्ष

अब मैं आशा करती हूं कि मेरे द्वारा लिखा गया आर्टिकल बाघ पर निबंध अच्छा लगा होगा क्योंकि हमने यहां पर अलग-अलग भागों में बांट कर 200 शब्दों से लेकर 600 शब्दों तक उपलब्ध कराया है जिससे आपको काफी सहायता मिलेगी लेकिन फिर भी अगर आपको लगता है कि कुछ रह गया है तो आप कमेंट के जरिए बता सकते हैं और ज्यादा से ज्यादा इस पोस्ट को लोगों में और सोशल नेटवर्क जैसे फेसबुक टि्वटर इंस्टाग्राम पर शेयर करे!

धन्यवाद!

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मेरा नाम Seema Verma है, मैं Lucknow की रहने वाली हूँ, ब्लॉग लिंखना मुझे अच्छा लगता है ताकि मैं विभिन्न प्रकार की Internet और Technology से जुड़ी जानकारियाँ लोगों में शेयर कर सकूँ इसलिए मैं आशा करती हूँ कि मेरे द्वारा लिखी गयी Blog Post आप लोगों को पसंद आयेगी। अगर आप मुझसे जुड़ना चाहते हैं। हमें मेल करे.

15 COMMENTS

  1. आपने राष्ट्रीय पशु बाघ पर निबंध बहुत ही sunder लिखा है वो भी complete information के साथ. Appreciate your work!

  2. बहुत ही बढ़िया जानकारी हिंदी में आपने बाघ (Tiger) के बारे में दी है। हम आपके काम की सरहना करता हूं ..

  3. Hello, Thanks for the Essay on Tiger in Hindi in very simple words. Keep posting such kinds of articles… Have you Great Day!

  4. हैलो सीमा आपने बाघ पर निबंध हिंदी में बहुत ही अच्छा लिखा है. थैंक्स यू

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